GST क्या है और इसके प्रकार, फायदे और नुकसान – what is GST in Hindi

GST क्या है (what is GST in Hindi) – GST के प्रकार | हेलो दोस्तों, आज के इस article में हम आपको GST के बारे में पूरी जानकारी देने वाले है. इस आर्टिकल को पढ़ने के बाद आपको जीएसटी क्या है, जीएसटी के प्रकार कितने होते हैं, किन-किन चीजों पर कितना जीएसटी लागू होगा यह सारी जानकारी आपको मिल जाएगी.


GST kya hai in hindi
GST kya hai in hindi





जब से देश में GST लागू किया गया है तब से सभी के मन में GST से जुड़े सवाल उठ रहे हैं. क्या GST से सरकार को फायदा होगा, क्या इस प्रकार के टैक्स से देश की GDP में कुछ बदलाव आएगा और ऐसे ही कुछ और भी सवाल है. हर इंसान TAX भरता है. फिर चाहे आपका कोई business हो या ना हो आप TAX भरते हैं.

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छोटी से छोटी चीज से लेकर बड़ी चीज खरीदने पर या उसे बेचने पर हमें सरकार को टैक्स देना पड़ता है और इन्हीं टैक्स की वजह से तो सरकार चलती है. 

जब भी आप कोई वस्तु खरीदते हैं तो उस वस्तु की जो भी किंमत होती है वह सभी प्रकार के टैक्स को मिलाकर होती है. वस्तु की कीमत जहां पर लिखी हुई होती है उसके बाजू में including of all taxes लिखा हुआ होता है इसका मतलब यही होता है.


TAX लेना सरकार का हक है और सरकार की जो मुख्य कमाई है वह TAX से ही होती है. TAX दो तरह के होते हैं,


  1. Direct Tax
  2. Indirect Tax
Direct Tax व्यक्ति से लिया जाता है. जैसे की income TAX, corporation TAX, property TAX  इत्यादि और किसी वस्तु के खरीद और बिक्री पर जो TAX लगाया जाता है उसे Indirect TAX कहा जाता है. indirect TAX कई प्रकार के होते हैं जैसे कि custom duty, service TAX, Excise Duty, Professional Tax इत्यादि. 

तो ए जितने भी indirect TAX है उन सभी को मिलाकर एक TAX कर दिया जिसे आज हम GST के नाम से जानते हैं. जितने भी indirect TAX थे उन सभी को हटा कर एक TAX लागू कर दिया गया



देश में GST को 1 July 2017 में लागू किया गया था. तो चलिए आगे बढ़ते हैं और एक-एक करके जीएसटी के बारे में सारी जानकारी आपको बताते हैं जैसे कि GST क्या है (what  is GST in Hindi), GST के प्रकार कितने होते हैं, (types of GST  in Hindi) GSTIN क्या है, GST का फुल फॉर्म क्या है, GST के फायदे और GST के नुकसान क्या है और किन-किन चीजों पर GST लागू किया गया है. 

इन सारे सवालों के जवाब आज हम इस आर्टिकल के जरिए जानेंगे. तो चलिए शुरू करते हैं और सबसे पहले जानते हैं कि जीएसटी क्या है.


GST क्या है – what is GST in Hindi



जैसे कि हमने आपको ऊपर बताया कि TAX दो प्रकार के होते हैं एक तो direct TAX और दूसरा indirect TAX. तो जितने भी indirect TAX थे उनको बदलकर भारत सरकार ने एक नया TAX लागू किया है जिसे आज हम GST कहते हैं. 

GST के लागू होने के बाद पूरे देश में सारी वस्तुएं और services के ऊपर एक ही TAX लागू होगा. जीएसटी के बारे में एक देश एक कर का नारा भी दिया गया है.


GST full form



goods and services tax GST का फुल फॉर्म हैं. और अगर इसका हिंदी में अनुवाद किया जाए तो जीएसटी का मतलब होता है वस्तु एवं सेवा कर.


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आप जो चीज खरीदते है वह आप तक पहुंचने से पहले कितने प्रकार के TAX से गुजर चुकी होती है. जब कोई वस्तु बनाई जाती है तो उस वस्तु को बनाने के लिए जो साधन सामग्री लगती है उसके ऊपर टैक्स लगता है और जब वस्तु बन जाए और जब उसे wholesaler के पास पहुंचाया जाता है तब उसके ऊपर दूसरा टैक्स लगता है और जब wholesaler रिटेलर को माल देता है तब टैक्स लगता है और फिर रिटेलर आपको वह चीज बेचता है.


वस्तु को बनाने की प्रक्रिया से लेकर बनने के बाद आप तक पहुंचने तक कई प्रकार के TAX से गुजरती है फिर चाहे वह कोई छोटी ही चीज हो या फिर कोई बड़ी चीज हो

पहले इन सभी स्तर पर अलग-अलग प्रकार के टैक्स लागू होते थे पर अब ऐसा नहीं होगा. जब से GST आया है तब से इन सभी स्तरों पर एक ही प्रकार का TAX लागू किया जाएगा और वह है GST.


जब जीएसटी लागू हुआ था तब लोगों के मन में यह भी सवाल थे कि क्या GST आने से चीजों के दाम घट जाएंगे या चीजों के दाम में बढ़ोतरी होगी?

जीएसटी से पहले राज्य सरकार अपने हिसाब से अपनी मनमर्जी से चीजों पर टैक्स लगाती थी, राज्य सरकार अपने राज्य में अलग-अलग टैक्स लगाती थी इसकी वजह से कुछ चीजें एक राज्य में सस्ती होती थी और एक राज्य में महंगी होती थी. पर जीएसटी के आने के बाद सभी राज्य सरकार एक ही TAX लगा सकेगी और एक समान टैक्स ही लगेगा.


5℅, 12%, 18%, 28% में GST को लागू किया गया है. जब जीएसटी नहीं था तब indirect TAX लिया जाता था और indirect TAX में कई प्रकार के टैक्स का समावेश किया जाता था लगभग 10 से भी ज्यादा Tax. 

और टैक्स के इतनी ज्यादा प्रकार होने की वजह से कई लोग टैक्स तो भरते भी नहीं थे. इतने सारे टैक्स होने की वजह से कभी-कभी  सरकार को यह पता ही नहीं चलता था कि टैक्स भरा है की नहीं. पर अब ऐसा नहीं होता है क्योंकि अब उन सभी प्रकार के टैक्स के बदले में अब एक ही टैक्स लागू होगा GST.


तो अब आप जान चुके हैं कि GST क्या है (what is GST in Hindi) तो चलिए अब हम आपको बताते हैं कि जीएसटी के प्रकार कितने होते हैं.


GST के प्रकार – Types of GST in Hindi



GST एक प्रकार का TAX है और इसके अंदर भी TAX के प्रकार हैं. आपको बता दें कि GST के कुल 4 प्रकार है इनमें से 3 मुख्य प्रकार हैं.


1. CGST
2. SGST
3. UTGST
4. IGST


तो चलिए अब एक-एक करके इन GST के प्रकार के बारे में आपको जानकारी देते हैं और समझाते हैं की CGST, SGST, UTGST और IGST क्या हैं.


कुछ लोगों के मन में थोड़ा confusion होगा कि क्या हमें चारों प्रकार के जीएसटी भरना पड़ेगा? तो इसका जवाब है नहीं. आपको दो जीएसटी ही भरना पड़ेगा. 

और इनमें भी लोगों को यह समझ में नहीं आ रहा था कि जीएसटी 18% है तो क्या हमें SGST और CGST अलग-अलग 18% टैक्स देना होगा तो इसका जवाब हैं नहीं आपको जीएसटी 18% ही देना है जिनमें से 9% CGST होगा और 9% SGST होगा उम्मीद करता हूं कि आपका यह confusion दूर हो गया होगा.

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CGST क्या है – what is CGST in hindi



CGST का फुल फॉर्म होता है central goods and services tax. यह TAX केंद्र सरकार लगाती है.


SGST क्या है – what is SGST in Hindi



SGST का फुल फॉर्म होता है state goods and services tax. यह टेक्स राज्य सरकार लगाती है.


तो अब एक उदाहरण देकर आपको आसान भाषा में समझाते हैं. उदाहरण के तौर पर मान लीजिए कि किसी वस्तु को एक राज्य में बनाया जा रहा है, उसका उत्पादन एक राज्य में हो रहा है और उस वस्तु को उसी राज्य के अंदर ही उस वस्तु की सप्लाई या बिक्री हो रही है तो उस पर CGST और SGST लागू होगा. केंद्र सरकार और राज्य सरकार दोनों टैक्स लगाएगी.


और अगर कोई वस्तु किसी एक राज्य में बनती है और उसकी सप्लाई या बिक्री किसी और राज्य में की जाती है तो उस पर SGST और CGST के साथ-साथ IGST भी लागू होता है.


इस उदाहरण से आप यह भी समझ गए होंगे कि IGST क्या है (whats is IGST in Hindi) और यह कब लागू होता है.


UTGST क्या है – what is UTGST in Hindi 



अब जीएसटी के प्रकार में आखिरी प्रकार हैं UTGST. UTGST  का फुल फॉर्म होता है Union Territory goods and services tax. यह टेक्स केंद्र शासित प्रदेश में लगाया जाता है. जो केंद्र शासित प्रदेश है वहां UTGST लागू होता है.


अब एक मुख्य सवाल आता है और यह सवाल है कि आखिर यह जीएसटी किन लोगों को देना पड़ता है? क्या मुझे भी जीएसटी देना होगा? यह सवाल तो आपके मन में जरूर आया होगा. वैसे तो हम जो भी चीजें खरीदते हैं उस पर GST तो लगा ही हुआ होता है.


जिन लोगों का सालाना टर्नओवर 20 लाख से ज्यादा है उनको GST देना पड़ेगा. यहां पर मैं मुनाफे की बात नहीं कर रहा हू. 

मान लीजिए मैंने 20 लाख का सामान बेचा या मंगवाया और मुझे उससे 100000 का मुनाफा हुआ तो भी हमें जीएसटी देना पड़ेगा क्योंकि हमारा तो लेन-देन में ही 2000000 गया था. आपका कितना प्रॉफिट हुआ है इससे कोई मतलब नहीं है.


ऊपर जो हमने आपको बताया वह केवल एक ही राज्य के अंदर सामान के लेनदेन के लिए है और अगर आप एक राज्य से दूसरे राज्य में कोई भी लेन-देन करोगे तो उसमे जीएसटी लागू होगा फिर चाहे वो 2000000 से कम ही क्यों ना हो. एक राज्य से दूसरे राज्य के बीच जो भी व्यापार करते हैं उस पर जीएसटी लागू होगा.


और अगर आप ऑनलाइन कोई सामान बेचते हैं या खरीदते हैं तो उसमें भी जीएसटी लागू होता है फिर चाहे वह सामान ₹50 का हो या 50000 का. अगर आप amazon से या FlipKart से कुछ भी ऑर्डर करते हैं तो उसमें भी जीएसटी लगता है.

अब आप जन चुके है की GST क्या है (what is GST in Hindi) और GST के प्रकार कितने होते है, SGST, CGST, UTGST और IGST क्या है तो चलिए आब हम जानते है की GSTIN क्या है.


GSTIN क्या है – what is GSTIN in Hindi

जैसे आधार कार्ड में आधार नंबर होता है, पैन कार्ड में पैन नंबर होता है ठीक उसी तरह जब हम GST में registration करते है तो हमें एक नंबर provide कराया जाता  है जिसे हम GSTIN कहते है. 

GSTIN full form in Hindi



यह एक प्रकार का identification number होता है. GSTIN का full form goods and services identification number होता है.


जोभी व्यक्ति business करता है उसे GST के लिए registration करवाना पड़ता है और registration के बाद उस व्यक्ति को यह नंबर दिया जाता है. यह identification number 15 digits का होता है.


तो चलिए अब हम जानते है की GST के फायदे क्या है और GST के नुकसान क्या है.


GST के फायदे – benefits of GST in Hindi

  • GST के आने से अब लोगो को अलग अलग टैक्स देने की जरुरत नहीं पड़ेगी. पुरे देश में एकसमान टैक्स लगेगा.
  • एक रिपोर्ट के अनुसार GST की वजह से देश की GDP में 2% से लेकर 3% बढ़ोतरी हो सकती है.
  • GST लागु होने से पहले अगर हम किसी वस्तु को एक राज्य से दुसरे राज्य में बेचते थे तो हमें दोनों राज्यों को TAX भरना पड़ता था पर अब ऐसा नहीं होगा. इससे चीजों के दाम भी घटेंगे.
  • देश में चीजों की कीमत एकसमान रहेगी.
  • पहले टैक्स के मामले में गड़बड़ी होती थी पर अब ऐसा नहीं  होगा.

तो यह थे GST के फायदे और अब हम जानते है की GST के नुकसान क्या है.


GST के नुकसान – disadvantage of GST in Hindi

  • जैसे की हम जानते है की GST के पहले अलग अलग राज्यों में अलग अलग टैक्स वसूला जाता था. कुछ राज्य ज्यादा टैक्स वसूलते थे तो कुछ कम. पर अब सभी राज्यों में एकसमान ही टैक्स लगेगा. और इससे कुछ राज्यों की टैक्स से होने वाली income में कमी आयेगी.
  • Financial और banking जैसे sector में GST से पहले 14% टैक्स था पर अब यह टैक्स बढकर 18% हो गया  है. 

Conclusion: 


इस लेख में हमने सिखा की GST क्या होता है (what is GST in Hindi), GST के प्रकार कितने होते है (Types of GST in Hindi), GSTIN क्या है, GST का फुल फॉर्म क्या होता है (GST full form in Hindi) , GST के फायदे और नुकसान क्या है (disadvantage and benefits of GST in hindi), GST से देश की जीडीपी में क्या बदलाव आयेगा, हमें GST कब भरना होगा और ऐसे ही GST से सम्बंधित जानकरी आपको यहाँ पर दी गयी है. 


दोस्तों अगर आपको ये आर्टिकल पसंद आया हो तो इसे अपने दोस्तों को share जरुर करे ताकि वह भी GST के बारेमे जानकरी ले सके. धन्यवाद.

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